मैं पिछले 5 सालों से अपनी शारीरिक कमजोरी और इच्छाओं की कमी से परेशान था। मेरा वजन भी
धीरे-धीरे बढ़ रहा था और यह मेरी समस्या को और गंभीर बना रहा था। इस कारण मेरी पत्नी के साथ रिश्तों
में दूरी आने लगी थी। शर्म और झिझक की वजह से मैं अपनी समस्या के बारे में किसी से बात भी नहीं कर
पाता था। मैंने कई ऑनलाइन प्रोडक्ट्स आजमाए, लेकिन उन सबका कोई फायदा नहीं हुआ। इससे मेरी निराशा और
बढ़ गई। मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद अब यह समस्या जिंदगीभर साथ रहेगी।"
रमेश गुप्ता
(उम्र: 42, मेरठ)
आरोग्यम संस्थान का अनुभव:
"एक दिन इंटरनेट पर सर्च करते हुए मुझे आरोग्यम संस्थान के बारे में पता चला। मैंने
तुरंत उनके सेंटर पर अपॉइंटमेंट लिया। जब मैंने वहां के डॉक्टर्स से अपनी समस्या साझा की, तो
उन्होंने मुझे न केवल मेरी समस्या के समाधान की राह दिखाई, बल्कि मुझे यह विश्वास भी दिलाया कि यह
पूरी तरह ठीक हो सकती है। उन्होंने मेरी दिनचर्या, खानपान और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की
सलाह दी। साथ ही, उन्होंने मुझे उनकी विशेष आयुर्वेदिक दवाइयाँ और कुछ योगासनों का अभ्यास करने की
सलाह दी। उनका व्यक्तिगत ध्यान और पेशेवर तरीके से मेरी समस्या को समझना मुझे बहुत अच्छा लगा।"
इलाज के बाद:
"सिर्फ 4 महीने के इलाज के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। मेरी ऊर्जा और इच्छाशक्ति वापस लौट आई।
अब मेरी शादीशुदा जिंदगी पहले से कहीं ज्यादा खुशहाल है। मेरा वजन भी नियंत्रित हो गया है और मैं
शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को बेहतर महसूस करता हूँ। मेरी पत्नी भी आरोग्यम संस्थान की टीम को
बार-बार धन्यवाद देती हैं। यह मेरे लिए एक नया जीवन है।"